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उत्तराखंड में बादल फटने से जल प्रलय: आठ की मौत, कई फंसे, पांच दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी

 

उत्तराखंड में बादल फटने से जल प्रलय: आठ की मौत, कई फंसे, पांच दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारीदेहरादून, 16 सितंबर 2025: उत्तराखंड के देहरादून जिले में सोमवार रात को हुई भारी बारिश और बादल फटने से जल प्रलय जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग विभिन्न स्थानों पर फंस गए हैं। मौसम विभाग (IMD) ने अगले पांच दिनों के लिए राज्य के चार जिलों- देहरादून, चंपावत, बागेश्वर और नैनीताल में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और केंद्र सरकार से सहायता की अपील की है।
सोमवार रात देहरादून के सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डलनवाला क्षेत्रों में बादल फटने से तमसा नदी उफान पर आ गई, जिससे फ्लैश फ्लड ने भारी तबाही मचा दी। जल स्तर तेजी से बढ़ने से तपकेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में पानी भर गया और प्रवेश द्वार पर स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा कंधों तक डूब गई। सहस्त्रधारा नदी के उफान से मुख्य बाजार में मलबा घुस आया, जिससे होटलों और दुकानों को भारी नुकसान हुआ। मालदेवता में 100 मीटर लंबी सड़क बह गई, जबकि देहरादून-मसूरी मार्ग पर भूस्खलन से यातायात बाधित हो गया। आईटी पार्क क्षेत्र और भगत सिंह कॉलोनी में घरों और संपत्तियों को गंभीर क्षति पहुंची, जबकि कई वाहन बह गए।जिला प्रशासन के अनुसार, बादल फटने की घटना में कम से कम पांच लोग बह गए, जिनमें से दो की लाशें बरामद हो चुकी हैं। कुल मौतों का आंकड़ा आठ तक पहुंच गया है, जिसमें पिछले कुछ दिनों की घटनाओं को शामिल किया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन पहाड़ियों से मलबा गिरने के कारण सर्च ऑपरेशन को रोकना पड़ा। दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, और कई परिवार मलबे में दबे होने की आशंका है। रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में भी हाल के दिनों में बादल फटने से पांच मौतें और 11 लोग लापता हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार सुबह केसरवाला और मालदेवता क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, "देहरादून में रातभर हुई भारी बारिश से सहस्त्रधारा क्षेत्र में कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं।" सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की, जिन्होंने हाल ही में राज्य का दौरा कर प्रभावितों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सहायता का आश्वासन दिया था। धामी ने केंद्र से और अधिक एनडीआरएफ टीमों की मांग की है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगले पांच दिनों तक राज्य में गरज-चमक के साथ तेज बारिश जारी रहेगी, जिससे भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की आशंका बनी हुई है। देहरादून में कक्षा 1 से 12 तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सहस्त्रधारा में भारी क्षति हुई है, और बचाव कार्य जारी है। राज्य में इस मानसून सीजन में कई जिलों जैसे उत्तरकाशी के धराली-हर्षिल, चमोली के थराली, रुद्रप्रयाग के चेनागढ़, पौड़ी के सैंजी, बागेश्वर के कपकोट और नैनीताल के कुछ हिस्सों में बारिश और बादल फटने से भारी तबाही हुई है। अगस्त में उत्तरकाशी में एक फ्लैश फ्लड में पांच मौतें हुईं थीं और 50 से अधिक लोग लापता हो गए थे।
यह घटना उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को उजागर कर रही है, जहां बादल फटना और फ्लैश फ्लड मानसून के दौरान आम हो चुके हैं। 2013 की त्रासदी में 6,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने चार धाम यात्रा को प्रभावित क्षेत्रों में निलंबित कर दिया है और यात्रियों को हाईवे पर रोक लिया गया है। राहत कार्यों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए गए हैं: 01374-222126, 01374-222722, 9456556431।
राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसमें मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें पूरे राज्य में अलर्ट पर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में लगातार हो रही चरम मौसम घटनाओं के लिए बेहतर पूर्व चेतावनी प्रणाली और बुनियादी ढांचे की मजबूती जरूरी है।